हाँ मुझे पता है मैं बहुत अच्छी लेखिका नहीं हूँ। पर समर्थता रखती हूँ स्वयं में सुधार लाने की। पर कुछ घनचक्करों के सुझाव से मैं अपना passion नहीं छोडुँगी। क्योंकि मेरे ससुर जी हमेशा कहते है, जिसने की शरम,उसके फूटे करम । एक राय मैं भी देना चाहती हूँ अपने शुभचिंतको को कि... किसी की भी बात में आकर फैसला मत लेना, और अपनी इच्छाओं को कभी मरने ना देना।।— % & #सुझाव