दुःखों की बिजली आसमां से जब गिरीं ,चारों ओर त्राहि - त्राहि मच गई खेत -खलिहान का सीना चीर ,दुःखी भरा मंजर चारों ओर छाँ गई दुःख की ये बेला , किसानों के घर की सारी खुशियाँ निगल गई दुःखी भरा मन ,हर -पल भगवान का सुमिरन करने लगी ।।। Challenge-56 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए जिसमें 4 बार दु:ख शब्द का प्रयोग कीजिए :) #दुखोंकीबिजली #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️