अँखियन बोले रे,तुमसे डोर जुङा जीवन का,दिल को आज मनाऊँ! मेरे दिल का मंजर उलझा-उलझा,तू घायल किया इश्क के खंजर से!! तेरे कारो-कारो नैना-काली बदरा का रूप धरे,मुझसे ना बात करे! थाम रहा जीवन के बहके लमहों को,तू घायल करे इश्क के खंजर से! वो मतवारी-मतवारी,तू ऐसे चाल ना चल,थोरा दिल का राह बदल! तेरा आना-जाना जो उन्मादी है,तू ने घायल करे इश्क के खंजर से!! थम जईयो मतवारी,चाहत की पेंग लङाले,तेरी हरकत है बचकानी! मेरे संग-संग चाहत के उमंग भरो,तू घायल करी इश्क के खंजर से!! तेरे लिए तेरे चाहत में बलिहारी जावां,तुमसे प्रीति की जोग जगावां! अजी तुमसे ही प्रेम की डोर बंधी,तू ने घायल करे इश्क के खंजर से!! तू मान भी ले मेरा चाहत है तकलादी नही,तेरे लिए हूं तू जान लेना! अभी इश्क की सजी महफिले,तू ने घायल करे इश्क के खंजर से!! अँखियन रे पिया अँखियन रे डरपत है,तेरे लिए अँखियां तरपत है! जिया रे बालमा धरकत है,तू ने घायल करे जो इश्क के खंजर से!! अँखियन बोले रे Aɱɩt Kotʜʌʀɩ Aazadपँछी