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दिल के बैचेनीयों की उल्फत हजार थी। आंखें झुकी मगर

दिल के बैचेनीयों की उल्फत हजार थी।
आंखें झुकी मगर पूछती हजारों सवाल थी।

चंद मुलाक़ातों के मायनों के न जाने कितने हिसाब थी।
इतनी सहज नहीं है ये आशिकी 👉उलझनों की जमात थी।💚
~~शिवानन्द #दिल के बैचेनीयों की उल्फत हजार थी।
#आंखें झुकी मगर पूछती हजारों सवाल थी।

चंद मुलाक़ातों के मायनों के न जाने कितने हिसाब थी।
इतनी सहज नहीं है ये #आशिकी 👉उलझनों की जमात थी।
#रातकाअफ़साना
#yqbaba #yqdidi #yqquotes
दिल के बैचेनीयों की उल्फत हजार थी।
आंखें झुकी मगर पूछती हजारों सवाल थी।

चंद मुलाक़ातों के मायनों के न जाने कितने हिसाब थी।
इतनी सहज नहीं है ये आशिकी 👉उलझनों की जमात थी।💚
~~शिवानन्द #दिल के बैचेनीयों की उल्फत हजार थी।
#आंखें झुकी मगर पूछती हजारों सवाल थी।

चंद मुलाक़ातों के मायनों के न जाने कितने हिसाब थी।
इतनी सहज नहीं है ये #आशिकी 👉उलझनों की जमात थी।
#रातकाअफ़साना
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