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कुम्भ भारतीयों का ऐसा मेला है जहां सब से बड़ा जन सम

कुम्भ भारतीयों का ऐसा मेला है जहां सब से बड़ा जन समूह इकट्ठा होता है । माघ मेला, अर्ध कुम्भ तथा महाकुम्भ जैसे लगने वाले मेलों में न केवल देश भर से परंतु विदेश से भी लोग भारतीय संस्कृति का लुफ्त उठाने आते हैं। 2019 अर्ध कुंभ का मेला चल रहा है जिसका प्रचार कई महीने पहले से शुरू हो गया था तथा इसे भव्य कुम्भ/ दिव्य कुंभ नाम  दिया जा रहा , दिया भी क्यों न जाए जिस तरह से प्रदेश तथा केंद्र सरकार ने इसकी व्यस्था की है यह नाम लाज़मी लगता है । यूनिस्को ने भी इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दे दिया है तथा इसका दिजिटाइजेशन भी जोर शोर किया जा रहा है। यहां एक छोटा सा शहर  बसा लगता है जहां अलग अलग संस्कृति के लोग आकर अपने कला का प्रचार प्रसार कर  रहे हैं । 13 अखाड़े तथा उनके साधु संत इस मेले की शान है । प्रशासन व्यवस्था सख्त है तथा दिन रात जनता की सेवा में लगी है। विदेशी सैलानियों ने इस मेले को देखते ही'इंक्रीडबल इंडिया '  कहा तथा वे सब कुछ भूल कर 
यहां की विविधताओं का लुफ्त उठा रहे हैं। 

 देवेश जायसवाल #NojotoQuote दिव्य कुम्भ 2019
कुम्भ भारतीयों का ऐसा मेला है जहां सब से बड़ा जन समूह इकट्ठा होता है । माघ मेला, अर्ध कुम्भ तथा महाकुम्भ जैसे लगने वाले मेलों में न केवल देश भर से परंतु विदेश से भी लोग भारतीय संस्कृति का लुफ्त उठाने आते हैं। 2019 अर्ध कुंभ का मेला चल रहा है जिसका प्रचार कई महीने पहले से शुरू हो गया था तथा इसे भव्य कुम्भ/ दिव्य कुंभ नाम  दिया जा रहा , दिया भी क्यों न जाए जिस तरह से प्रदेश तथा केंद्र सरकार ने इसकी व्यस्था की है यह नाम लाज़मी लगता है । यूनिस्को ने भी इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दे दिया है तथा इसका दिजिटाइजेशन भी जोर शोर किया जा रहा है। यहां एक छोटा सा शहर  बसा लगता है जहां अलग अलग संस्कृति के लोग आकर अपने कला का प्रचार प्रसार कर  रहे हैं । 13 अखाड़े तथा उनके साधु संत इस मेले की शान है । प्रशासन व्यवस्था सख्त है तथा दिन रात जनता की सेवा में लगी है। विदेशी सैलानियों ने इस मेले को देखते ही'इंक्रीडबल इंडिया '  कहा तथा वे सब कुछ भूल कर 
यहां की विविधताओं का लुफ्त उठा रहे हैं। 

 देवेश जायसवाल #NojotoQuote दिव्य कुम्भ 2019