अपने बिगड़े हालातों को देखकर व्यथित हो रहा है भारत, अपनी व्यथा सुनाते-सुनाते भारत कुछ कह रहा है हमसे। अपने अधिकारों की खातिर तुमको खुद ही लड़ना होगा, जाति-धर्म से ऊपर उठकर अब कुछ नया सोचना होगा। भ्रष्टाचार और अन्याय के बढ़ते कदमों को रोकना होगा, सबको मिलजुल कर ही भारत का विकास करना होगा। अब ना कहीं किसी चौराहे पर नारी की अस्मत लुटने पाए, नारी नहीं है किसी से भी कम अब सबको समझना होगा। शिक्षित होकर अब आत्मनिर्भर बनने का समय आ गया, शिक्षित होकर अब बेरोजगारी का दंश नहीं झेलना होगा। भारत देश है सबसे महान,इसे और भी महान बनाना होगा, बच्चे और युवा हैं देश का भविष्य इन्हें बचाए रखना होगा। #प्रतियोगिता_शब्दवाटिका आप सबको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं:- 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें