मन का अंतर्द्वंद मौन क्यों होता नहीं.. अंदर उमड़ते इस शोर को बाहर कोई सुनता नहीं, सन्नाटा है छाया कानों में, दृष्टिपटल पर घना काला पर्दा लगाया है.. शूल सी चुभती अभिलाषाएं.. नमक सी तिस पर लगे निराशाएँ.. चिंताओं की लंबी ध्रुवीय रात प्रतीक्षारत सुखमय रवि-आलिंगन को.. #अन्तर्द्वन्द #हिंदी #yqdidi #चिंता #worries