नाव नदी की ढाल बनी है , अकंटक विकराल बनी है। मन-मर्जी के साथ बनी है, मस्तक में करताल बनी है। ~आचमन चित्रांशी✍🏻 ©Achman Chitranshi #FloatingBoat #Shayari #Shayar #Poetry #Poet