मेहंगाई की इस दौड़ मे सैलरी बिचारी पीछे रेह गई क्या करे अपने नसीब को कोसती रेह गई बडी आस थी उसे अपने सरकार से पर क्या करे अपनों पे ही विश्वास रख कर बरबाद हो गई milin gudnatikar ©Mili #salary