White यूँ तो मुश्किल है समझ पाना दिल की हसरतों को कभी दर्द तो कभी खुशी में डूबी महफिलों को, शौक हैं लिख दे हाल सारा किसी किताब के पन्ने पर, गिला, शिकवा और चाहत के सभी सिलसिलो को, फिर लिख कर रख दे किताब को महफ़ूज़ कहीं तिजोरी में और पढ़ने भी ना दे किसी को अपने लिखे अल्फाजों को कहीं बैठे लेकर वही किताब संग इन आखों की बरसातों को, हाथ थाम कर तुम्हारा लिखे अपनी पहली मुलाक़ातों को, यूँ तो बदल चुके हैं वक़्त के साथ किरदार हम अपना, पर चाहते हैं तुम समझो हमें और हमारी बातों को, कभी पढ़ना सुकून से फुर्सत में मेरी लिखी किताबों को कह नहीं पाते हैं अक्सर हम दिल में छुपे जज्बातों को ©meri kalpna #Love_poetry #poetry_by_heart#Passionate_writer