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मुस्कुराते सूरज से सीखी है अंधेरो पर विजय की लालिम

मुस्कुराते सूरज से सीखी है
अंधेरो पर विजय की लालिमा
इसलिए मुझे अब अंधेरों से डर नही,

चलना जीवन है 
और जीवन का हर पड़ाव मुसाफ़िरखाना ,
धैर्य और साहस से एक नया
सुराज  है लाना 
जीवन के इस अग्निपथ पर
वीर क्या है घबराना।

©लेखक ओझा
  जीवन और धैर्य

जीवन और धैर्य #Poetry

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