मजबून खुशनुमा है ए जिस्म खोखले| छिलके के सजे हुए हैं फलों की दुकान पर| सच बात आकर रुक गई कुछ इस तरह जबान पर| छाले पड़े हुए हैं दिलजले जैसे अभी तक जबान पर| ©Aanshi Digital photo Film studio मजबून खुशनुमा है ए जिस्म खोखले| छिलके के सजे हुए हैं फलों की दुकान पर| सच बात आकर रुक गई कुछ इस तरह जबान पर| छाले पड़े हुए हैं दिलजले जैसे अभी तक जबान पर|