इंसानियत मर चुकी है! समाज में फैली कुरीतियों की सूली चढ़ चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! जानवरों से बदत्तर हो रहे इंसानों को देख सिहर चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! दहेज के लालच में कोई बेटी जिंदा जल चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! बूढ़े माँ-बाप की ज़िन्दगी अकेलेपन से भर चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! रिश्तों के विश्वास की नींव गिर चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! राजनीति न्याय को अपने चंगुल में भर चुकी है, इंसानियत मर चुकी है। सत्ता की भूख गरीबों की रोटियाँ भी निगल चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! हैवान बन चुके मर्दों से औरत डर चुकी है, इंसानियत मर चुकी है! ©रुपल सिंह'भारतीय नारी' कड़वा है मगर सच है। हर हर महादेव🙏🔥 #bhartiya_naari #ghayal_sherni #bhartiya_naari_swag_dhari #RIPHUMANITY #Insaniyat #Truth #Hindi #hindi_poetry #Nojoto #nojotohindi