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अपने उधड़े जिस्म को रोज़ सुबह रफू कर लेता हूँ, रातों

 अपने उधड़े जिस्म को रोज़ सुबह रफू कर लेता हूँ,
रातों को हसीं तेय करके अपने बस्ते में रख लेता हूँ,
मस्तकलंदर हूँ साहब...
जहां जाता हूँ लोगों के दिल लूट लेता हूँ.

~दीप

#udhdajism #mastkalander #ghalib
 अपने उधड़े जिस्म को रोज़ सुबह रफू कर लेता हूँ,
रातों को हसीं तेय करके अपने बस्ते में रख लेता हूँ,
मस्तकलंदर हूँ साहब...
जहां जाता हूँ लोगों के दिल लूट लेता हूँ.

~दीप

#udhdajism #mastkalander #ghalib