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White जिनके लिए हम रातों को जागे, उन्हीं ने हमें न

White जिनके लिए हम रातों को जागे, उन्हीं ने हमें नींद से भगाया, जिनके लिए हमने खुद को बदला, उन्हीं ने हमें गैरों सा माना।बेकद्री के इस दर्द को कैसे बयाँ करें, हर उम्मीद को टूटते कैसे सहें, लेकिन अब वक्त आ गया है, खुद को संभालने का, खुद को जानने का।अब न करेंगे किसी की परवाह, अपनी राह खुद बनाएंगे, बेकद्री की इस दुनिया में, अपनी पहचान खुद पाएंगे।

©आगाज़
  #Poetry  aditi the writer Kumar Shaurya Niaz (Harf)