जो उठाए कनिष्ठा पर पर्वत, वह दोनों हाथ से मुरली बजाते हैं। मुरली कितनी प्यारी है उनको हम सब को यह समझाते हैं। अधरों से मुरली बजाते हैं और हाथों से सहला कर प्रेम दिखातें हैं। जो कराते सबको भवसागर पार, प्रेम के भक्ति भाव में बह जाते हैं। करते हैं दैत्यों दानवों का संहार और संहारकारी कहलाते हैं। देवों के देव है कान्हा पर, ग्वाल बालों के संग गाएं चराते हैं। त्रिभुवन के स्वामी है गिरिधर पर सुदामा को मित्र बनाते हैं। सब गोपी ग्वालिनें मरती हैं उन पर वो राधा संग प्रेम रचाते हैं। सबके मन की जाने मोहन पर अपनी व्यथा सबसे छुपाते हैं। जग का उद्धार करने को गिरधर अदभुत लीलायें रचाते हैं। राधा से प्रेम करते हैं और सबको प्रेम की परिभाषा बताते हैं। महाभारत का युद्ध रचाकर अधर्म पर धर्म की जीत कराते हैं। एक ही जन्म में कान्हा दो माओं का सुख पाकर बहुत इतराते हैं। अपनी लीलाओं से हरदम सबको आश्चर्यचकित कर जाते हैं। "Ek Soch" To ye rha aaj ka topic.. #krishnabansuri #krishnalove #krishna #flutekrishna #yqbaba #yqdidi #yqquotes Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...