हाल में भारतीय रेलवे ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाने के लिए स्वदेशी सुरक्षा तकनीकी कवच का सफल परीक्षण किया इसके लिए दो ट्रेनों को आमने सामने चलाया गया दो ट्रेन एक दूसरे के करीब 380 मीटर की दूरी पर रुक गई कवच लगने की वजह से ट्रेनों में अपने ब्रेक लगाए दरअसल भारतीय रेल से सुरक्षा हमेशा में एक बड़ी चुनौती रही है अब कवच तकनीकी का प्रयोग कर भारतीय रेल एक नया रचना जा रही है यह तकनीकी 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही है ट्रेन को रोक देगी इसके प्रयोग से देश में आए दिन होने वाले ट्रेन हादसे के रोकथाम होगी जिससे रेलवे को नुकसान से राहत मिलेगी साथ ही लोगों की जान माल की सुरक्षा होगी कवच तकनीकी की जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए विकसित किया गया है और उस स्थिति में स्वचालित रूप से रोक देगी अभी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी रेल फाटक आने पर कवच तकनीकी खुद सीट बजाना शुरू कर देगी लोकपाल द्वारा लाल सिग्नल को नजरअंदाज किए जाने और सी ट्रेन जाएगी जिससे उस में टकराव की आशंका नहीं रहेगी स्वदेशी में निर्मित तकनीकी विदेशी सुरक्षा प्रणाली से बहुत सस्ती है कवच तकनीकी के संचालक 5000000 रुपए के प्रति किलोमीटर आएंगे जबकि विस्तार से इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर 2 करोड रुपए आएगा ©Ek villain #ट्रेनों को टकराने से रोकेगा कवच #Moon