हमसे पहले वाली पीढ़ी कभी तलाक के बारे में सोचती ही नहीं थी हमारे बाद की पीढ़ी के लिए तलाक आम हो रहा है और इक हम है जो सोचते-समझते हैं और निभाते हैं इक साथ तीन पीढ़ियों को पढ़ी-लिखी स्मार्ट बेटी से, आदर्श बहु, पत्नी, और आदर्श माँ बनते-बनते पता ही नहीं चला कब वो इक घरेलु स्त्री बन गई पापा की वो परी अपने पंख कहीं रखकर भूल गई तो सोचने लगी हूं कि तलाक लेना मुश्किल है या संबंधों को संभाले रखना....सुमन शुभरात्रि लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳