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आप निचे पड़ ले ये कोई शायरी या कविता या और क

आप   निचे  पड़  ले ये कोई शायरी  या  कविता  या और कुछ नहीं है  बस बो है जो उससे नहीं  बोल पा  रहा हु और इसमें 💯%  ईमानदारी  है मुझे पता हे वो  मेरी जिंदगी  मे नहीं आएगी..  उसके आने की कोई उम्मीद भी नहीं हे लेकिन  ना जाने क्यों   दिल मे एक उम्मीद  की बो आएगी बो जरूर  आएगी. 
बस यही उम्मीद  हे जो ना तो चेन से जीने दे रही नहीं मरने दे रही..  बस अंदर ही अंदर घुट घुट के tututa जा रहा हु... 
अब तो ये लगता हे जैसे बो ऊपर बाला भी मज़ाक कर रहा मेरे साथ   साला जिसके करीब आने लगता हु बो दूर हो जाता हे मुझे अब तो  खुद के करीब आने मे भी डर लगता डरता हु कही ऊपर से घंटी ना बजे बोले ज्यादा  करीब आ रहे आ जाओ ऊपर ..  वो जोन साहब  ka शेर  हे ना  ...  की बहुत पास  आने लगे हो  दूर जाने का इरादा  हे क्या.. . 
मेरे दिल के करीब  जो जो रहा हे ना बो दूर  होता गया हे   डर लगता हे की अब तो दिल के करीब बस धड़कन  ही हे कही बो भी ना  दूर हो जाये.   
नीद  नाम  की तो चीज  ही चली गई हे  जिंदगी से रात रात भर बस मे  मेरा चाँद तेरी यादें बस अक्सर यही सव बैठ के बाते करते हे.. अब तो बाते  भी खत्म होने बाली हे  शायद  ये सफ़र रुकने बाला हे..  ये जो तेरे मेरे दरमियान जो एक अनकहा सा अनछुए सा रिश्ता  हे ना   ये कमजोर पड़ रहा हे   मेरे कंधो मे अब अकेले  इस रिश्ते को थमने की ताकत नहीं हे...   पर मे तुझे  या तेरे अहसासों   खुद से दूर करना नहीं चाहता हु  ... 
मुझे नहीं  पता की ये चुतियापा  देके कुछ होगा या नही पर ये सब बो बाते हे जो मे तुझे  से कहना  चाहता  हु  सच बोलू ना तो तेरी याद बहुत आती हे   बहुत .. 
मे रोता नहीं  हु कभी किसी के लिए पर तेरे ना होने से ही आंखे नम हो जाती हे. बो कहते हे की कुछ चीजें  ऐसे होती हे जो आप लबों  से नहीं  बोल सकते  तू बो मेरी  .. मेरी तमन्ना मेरी आरजू  मेरी khuabais सव खुश बस तुम ही हो  पता हे आज भी ज़ब 
चाँद  को  देखता हु ना तो वो तेरा मुस्कुराता सा चेहरा  सामने  आता हे..   घंटो बैठ कर आज भी उस चाँद  को देखता रहता हु..  तू ज़ब मेरे पास  नहीं होती ना तो ये   चाँद मुझे तेरे होने का अहसास दिलाता  na  जाने  क्या रिश्ता  हे इस चाँद से पर अच्छा  लगता  इससे बाते karna इसके साथ  बैठना  .  हा  बस ये तेरी  तरह बक बक नहीं  करता पर ख़ामोशी  से   मुझे देखता रहता हे और मे उसे  ..  और ये हल्की  हल्की  हवा जो हे ना ऐसा लगता जैसे तू कान मे खुश बोल रही बहुत धीमे से प्यार  से आहिस्ता  आहिस्ता .
आप   निचे  पड़  ले ये कोई शायरी  या  कविता  या और कुछ नहीं है  बस बो है जो उससे नहीं  बोल पा  रहा हु और इसमें 💯%  ईमानदारी  है मुझे पता हे वो  मेरी जिंदगी  मे नहीं आएगी..  उसके आने की कोई उम्मीद भी नहीं हे लेकिन  ना जाने क्यों   दिल मे एक उम्मीद  की बो आएगी बो जरूर  आएगी. 
बस यही उम्मीद  हे जो ना तो चेन से जीने दे रही नहीं मरने दे रही..  बस अंदर ही अंदर घुट घुट के tututa जा रहा हु... 
अब तो ये लगता हे जैसे बो ऊपर बाला भी मज़ाक कर रहा मेरे साथ   साला जिसके करीब आने लगता हु बो दूर हो जाता हे मुझे अब तो  खुद के करीब आने मे भी डर लगता डरता हु कही ऊपर से घंटी ना बजे बोले ज्यादा  करीब आ रहे आ जाओ ऊपर ..  वो जोन साहब  ka शेर  हे ना  ...  की बहुत पास  आने लगे हो  दूर जाने का इरादा  हे क्या.. . 
मेरे दिल के करीब  जो जो रहा हे ना बो दूर  होता गया हे   डर लगता हे की अब तो दिल के करीब बस धड़कन  ही हे कही बो भी ना  दूर हो जाये.   
नीद  नाम  की तो चीज  ही चली गई हे  जिंदगी से रात रात भर बस मे  मेरा चाँद तेरी यादें बस अक्सर यही सव बैठ के बाते करते हे.. अब तो बाते  भी खत्म होने बाली हे  शायद  ये सफ़र रुकने बाला हे..  ये जो तेरे मेरे दरमियान जो एक अनकहा सा अनछुए सा रिश्ता  हे ना   ये कमजोर पड़ रहा हे   मेरे कंधो मे अब अकेले  इस रिश्ते को थमने की ताकत नहीं हे...   पर मे तुझे  या तेरे अहसासों   खुद से दूर करना नहीं चाहता हु  ... 
मुझे नहीं  पता की ये चुतियापा  देके कुछ होगा या नही पर ये सब बो बाते हे जो मे तुझे  से कहना  चाहता  हु  सच बोलू ना तो तेरी याद बहुत आती हे   बहुत .. 
मे रोता नहीं  हु कभी किसी के लिए पर तेरे ना होने से ही आंखे नम हो जाती हे. बो कहते हे की कुछ चीजें  ऐसे होती हे जो आप लबों  से नहीं  बोल सकते  तू बो मेरी  .. मेरी तमन्ना मेरी आरजू  मेरी khuabais सव खुश बस तुम ही हो  पता हे आज भी ज़ब 
चाँद  को  देखता हु ना तो वो तेरा मुस्कुराता सा चेहरा  सामने  आता हे..   घंटो बैठ कर आज भी उस चाँद  को देखता रहता हु..  तू ज़ब मेरे पास  नहीं होती ना तो ये   चाँद मुझे तेरे होने का अहसास दिलाता  na  जाने  क्या रिश्ता  हे इस चाँद से पर अच्छा  लगता  इससे बाते karna इसके साथ  बैठना  .  हा  बस ये तेरी  तरह बक बक नहीं  करता पर ख़ामोशी  से   मुझे देखता रहता हे और मे उसे  ..  और ये हल्की  हल्की  हवा जो हे ना ऐसा लगता जैसे तू कान मे खुश बोल रही बहुत धीमे से प्यार  से आहिस्ता  आहिस्ता .