अब थक गया हूं, हिज्र के तरानों से, किस्सा मोहब्बत का सुनाना चाहता हूं, मुझे देख कर पलटी ओर, मुस्कुरायी वो जरा सा, ऐसी खुबसूरत कोई गजल, गुनगुनाना चाहता हूँ । अब थक गया हूं, हिज्र के तरानों से, किस्सा मोहब्बत का सुनाना चाहता हूं, मुझे देख कर पलटी ओर, मुस्कुरायी वो जरा सा, ऐसी खुबसूरत कोई गजल, गुनगुनाना चाहता हूँ । -: नागवेन्द्र शर्मा (रघु) #nagvendrasharma #Lifewithwife #कुछजज्बातजहरकेसाथ #ईश्वर_सिगरेट_और_मैं #अहसास #feelings #shahzaadee