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जब गुजर गई तो एहसास हुआ , उम्र रफ़्तार से गुजर जात

जब गुजर गई तो एहसास हुआ ,
उम्र रफ़्तार से गुजर जाती है , 
आसुओं में न बहा देना इसको , 
ये कभी लौटकर नहीं आती है , 
जिंदगी का नाम दर्द भले है यारों , 
सूकून के पल वो भी चाहती है , 
जीने का दिल में जज्बा हो तो , 
जिंदगी रफ़्ता- रफ़्ता संवर जाती है , 
परहित की भावना आदमी को.. 
आदमी से इंसान बनाती है ।

©Geeta Sharma
  ### एक घर को घर बनाने में लोग जिंदगी लगा देते हैं ,
        फिर कैसे कुछ सिरफिरे लोग धरों में आग लगा देते हैं ।
geetasharma2188

Geeta Sharma

Silver Star
New Creator

### एक घर को घर बनाने में लोग जिंदगी लगा देते हैं , फिर कैसे कुछ सिरफिरे लोग धरों में आग लगा देते हैं ।

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