आज फिर से तेरी याद आयी है, घटा तेरी यादों की छायी है, बहुत वीरान लग रही है दुनिया मेरी, बिन मौसम यह बरसात आयी है, उजड़े चमन में बहार की आस लगाया हूं पतझड़ में फूल खिलने की आस लगाया हूँ, व्याकुल है मन मेरा प्रिय तेरे ख्यालों में, उम्मीद ए वफ़ा की फिर से आस लगाया #_यादे