काफ़ी दिनों तक मुझे लगता था की वे ही डॉक्टर हैं, और इक दिन मैं इतना बड़ा हो गया की जान गया वे डॉक्टर नहीं उपचारिका(नर्स) हैं। इक मरीज़ को जितना डॉक्टर के इलाज़ की आवश्यकता होती है उतना ही एक नर्स के देखभाल की। अस्पताल के बेड पर एक बच्चे को वह माँ जैसी लगती है, और एक बूढ़ी सी औरत को बेटी की तरह। मैं जब प्रकृति के बारे में सोचता हूँ तो मुझे उस नर्स की छवि कौंधती है जिसने मेरी माँ के इलाज़ के दौरान उनकी देखभाल की थी। प्रकृति मुझे नर्स की तरह लगती है।