ए खुशियो के सौदागर खरीदकर नई खुशियां खुश तो तुम भी नही कहां मिला होगा मुझ सा पागलपन कहां से लाओगी मेरे सब अल्हड़ रंग कुछ खाली खाली फीकी सी संग संग सहेजकर लूटी दुनियां खुश तो तुम भी नही । कैसे बेमोल ही बिक गया दिल कुंदन कैसे लगा दी बोली कर पत्थर सा मन बिखरे महल के चुनकर तुमने तृण तृण बनाकर फिर कुटिया खुश तो तुम भी नही । बेबस खामोश सी फकीरी का आलम गाता बजाता अपनी ही धुन मेरा मन क्या खोया क्या पा लिया कर तू चिंतन मिटाकर खुद की हस्तियां खुश तो तुम भी नही । ए खुशियो के सौदागर खरीदकर नई खुशियां खुश तो तुम भी नही ।। --"अधुरी दास्ताँ" #nojoto #nojotohindi #love #life #poetry