वो नर्म मख़मली बिस्तर पर सुर्ख आँचलों की धनक और मेहँदी लगे हाथों में पहनी चूड़ियों की खनक वो उलझी हुई रेशमी जुल्फों को सुलझाता हुआ एक हाथ और फूलों से महकते कमरे में हम दोनों एक साथ वो अदब से पलके झुकाते तुम्हारे चेहरे की कशिश और दिल की तेज हो रही धड़कन को काबू में करने की कोशिश वो मेरा पास आने पर तुम्हारा यूँ सिमटते जाना और तुम्हारी नजाकत भरी अदाओं पर मेरा मुस्कुराना वो निगाहों में उलझन ओर इश्क़ यूँ दिल में भरा काश ये लम्हे उम्र भर के लिए ठहर जाएं ज़रा। -अनोखी आख्या #वोलम्हे #love #support