White तुम्हें रूठना था तो रूठ जाते कुछ पल के लिए तुम तो इस कदर रूठ गए मुझसे कि अब तुम्हें मनाना भी ना मयस्सर है मुझे ये तो एक मस्लहत थी रब की इसमें मैं क्या ही करूं वरना ख्वाबों में भी तुम्हें खोने का कभी तसव्वर न था मुझे ©MD Aurangzeb Khan #afsos