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,किस, बात पर करूं,गुरूर यहां कोई अपना नहीं है जब,

,किस, बात पर करूं,गुरूर
यहां कोई अपना नहीं है
जब, उम्र थी न, प्यार मिला
ना, कद्र की, हमारी
अब, कितना भी भला हो,जाए
इन्शान,लोट,कर, नहीं आएगी
तनहाई हमारी
स्वरचित शायरी, मंजू तोमर #Shades दिन, कितने भी,भले,आ,जाए, पुराने दिन,भूले, नहीं जाते,
,किस, बात पर करूं,गुरूर
यहां कोई अपना नहीं है
जब, उम्र थी न, प्यार मिला
ना, कद्र की, हमारी
अब, कितना भी भला हो,जाए
इन्शान,लोट,कर, नहीं आएगी
तनहाई हमारी
स्वरचित शायरी, मंजू तोमर #Shades दिन, कितने भी,भले,आ,जाए, पुराने दिन,भूले, नहीं जाते,
manjutomar7455

Manju Tomar

Silver Star
New Creator