कितनो ने बलिदान दियो कितनो ने खून बहाया था फिर भी सब कहते चरखे से आजादी आया था अरे वो भगत सिंह वो राजगुरु और कितनों ने क्या सिर्फ मजमा लगाया था अरे मूर्खो इन्हीं के बलिदान से तो हमारा तिरंगा लहराया था तब जाके कही ये केसरी ये सफेद ये हरा रंग साथ मै चक्र पाया था hamara Desh hamara saubhagya