बूढ़ा तोता घोसले में बैठा बूढ़ा तोता, आज था जोर से भूखा। जमाने बाद इस बरस क्यूँ, ऐसा पड़ रहा था सूखा? न खाने को एक भी दाना था, न पीने को पानी। न दिखता था कोई आस-पास में, कर्ण -सा ही दानी। Read Full Poem in Caption #lifepoetry #itislife #respectoldpeople बूढ़ा तोता घोसले में बैठा बूढ़ा तोता, आज था जोर से भूखा। जमाने बाद इस बरस क्यूँ, ऐसा पड़ रहा था सूखा? न खाने को एक भी दाना था, न पीने को पानी। न दिखता था कोई आस-पास में, कर्ण -सा ही दानी।