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अपने सवालों से कितना नदाम कर दिया जिंदगी तूने सच

अपने सवालों से कितना नदाम कर दिया 

जिंदगी तूने सच में परेशां तमाम कर दिया 

कोई दावा नहीं था मुझे ख़ुद के श़ायर होने का 

ऐ ज़माने क्यों मुझे बेवज़ह बदनाम कर दिया 

दर्द पल रहा था सीने में न जाने कब से रफ़्ता रफ़्ता 

बहते अश्क़ों ने सब हाल चेहरे पे सरेआम कर दिया 

एक अरसे के बाद मिली वो देख कर मुस्कुराने लगी 

बेइरादा मैंने भी देखा और झुक कर सलाम कर दिया 

कुछ नहीं बचा देने को उस मां के पास अब दुआ के सिवा 

सब कुछ तो पहले ही उसने बच्चों के नाम कर दिया #ZindagiTunePareshan