जो देखे थे ख़्वाब सब ख़्वाब हो गए देखते देखते। कुदरत के सारे ज़ख्म अजाब हो गए देखते देखते। कोराना के बाद मौसम और ज़मीं ने जो करवट बदला। ज़ख्म जो थे सारे शादाब हो गए देखते देखते। हर्फ़-दर-हर्फ़ लिखा जो पन्नों में। पन्ने पन्ने मिलकर किताब हो गए देखते देखते। ये बाग - ए - बहिश्त जो उजाड़ा इंसान ने। कुदरत के इंसा से सारे हिसाब हो गए देखते देखते। ख़ुदा से हर वक्त जो सवाल करते थे। वो सारे सवाल ज़वाब हो गए देखते देखते। देखते देखते... #देखतेदेखते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #मौर्यवंशी_मनीष_मन #yq_मन