"आखरी मुलाक़ात" सितारों के तकल्लुफ़ से, जहानों को संवारा है, तुम्हारी एक मुस्कान पे, हज़ारों ने दिल हारा है, ये ज़ुल्फ़ों की शरारत को, यूँ मुख पे झूम जाने दो, बढ़ाओ कुछ कदम आगे, उसे तुम चूम जाने दो, सुनो, थामो नसों को तुम, दिलों की बात ना बोलो, ये पल बस मौन रहने का, उसे कुछ आज ना बोलो, कि थामो एक उंगली फ़िर, और झट से छोड़ भी देना, जो जाए रूठ के तुमसे, कलाई मोड़ भी देना, कि कहना कान में उसके, कमर से थाम के उसको, कि सच कहता हूँ मैं जाना, राधा मान के तुमको, कि अधरों पर, ये मुस्काने, दिलों की मौन रानाई, मुझे हर पल, हर एक क्षण में, तुम्हारी याद ही आयी, कि फ़िरसे आज रूठोगी, मनाने अब ना आऊंगा, मैं टूटा अब जो शीशे सा, कभी फ़िर जुड़ ना पाऊंगा, ये आंखों में तेरे खंजर, बसी है प्रीत एक अंदर, ये काजल कर रहा पागल, उर्वशी से भी तुम सुंदर.... ये जुल्फों का यूँ लहराना, नज़र का फ़िरसे मिल जाना, गले लगते हुए कहना, सुनो तुम, अब चले जाना, धरा हो रूप दुल्हन का, श्रृंगार आंख काजल का, सजी हो अप्सरा सी तुम, क्या अर्थ मेरी पायल का, मेहँदी में साथ उसका है, कंगनों में मेरी यादें, क्या करना चाहती हो जाना, मुझे समझाओ ये बातें, कि मिलन की आज ये बेला, कसम से आखरी होगी, तू इस रात के उस पार, मेरे अब साथ ना होगी, सुनो, ठहरो अभी कुछ पल, सदी से जी भी लेने दो, तुम्हें कहना है काफी कुछ, अभी सब मौन रहने दो, ये पल दो पल ही बाकी हैं, सफ़र में याद रखने को, हर एक मुस्कान में छुपते, ये आँसूं साथ रखने को, कि थामुं हाथ फ़िरसे मैं, या तुमको पास आने दूँ, संभालूं ये सभी साँसें, या इनको रूठ जाने दूँ, कि शामों की ये रानाई, इसी पे वार देंगे हम, बहुत जीते हैं दुनिया से, तुम्हीं से हार लेंगे हम, चलो अब इब्तिदा दूजी, निभाना है हमें मिलके, कि यादों के इन्ही पल को, भुलाना है हमें मिलके, ये सारे खत, ये तस्वीरें, मुझे न देके जाओ तुम, इन्हें भी पयालों के संग, सुनो अब लेके जाओ तुम, सब्र रखना, अगर मर्ज़ी समय की फ़िर कभी होगी, किसी युग में तो राधा, सम्पूर्ण कृष्ण की होगी....!!! :- शिवम नाहर #hindikavita #hindipoetry #hindi #nojoto #stoetry Neer