खुद के मुताबिक ढल गए मैरे मजबूर आँसू भी इन अश्को को आंखों से खूब,, दरगाह नहीं मिलती कभी देखते थे, हम ख़यालों की हसीन वादियों को, पता नहीं अब मेरी साँसों को वहाँ हवा नहीं मिलती #Friendship #pata nahi meri saason ko वहाँ हवा नहीं मिलती