नही की कोई शरारत नाही छेड़ी है कोई चाल अपने आप ही फिसली है ये रिश्तों की डोर हाथ भी थांभे थे बड़ी पकड़ से मगर क्या करे निभाने वाले कमजोर थे हमें क्या पता कि क्या है मनमे उसके शायद होंगे ही नहीं हमसे तो कमजोर कभी उन्हें पाया ही नहीं यकीन करो हमारा उसने साथ निभाया ही नहीं मेरा यक़ीन करो... #यक़ीन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi