टूटती रही कश्तियां किनारों पर आकर चिराग बढ़ता रहा अंधेरा को जलाकर गुस्ताखियां होती रही गमो को मिटाकर बयां होती रही दर्दे ए दिल जख्मों को छुपाकर उल्फत की आरजू में हमें भी सजाए रखना समय मिले ना मिले मोहब्बत बनाए रखना #कश्तियां#किनारा#चिराग#गुस्ताखियां#मिटाकर#आरजू#उल्फत#दर्दे #मोहब्बत #solotraveller