वज्ह-ए-गिरफ्तारी-ए-दिल क्या बताएं, घूंघट में से एक नज़र पलकें उठा कर,उन्होंने तो नजरें झुका ली, यह झुकी नजरें क्या हाल कर गई क्या बताएं, आफ़त-ए-जाँ की नज़र में क़फ़स होकर रह गए दिल के अरमांँ। 🪴 • Like • Comment • Share • 🪴 आप सभी को 🫀आपकी सहेली🫀 का प्यार भरा "नमस्कार"🙏 🎀 एक नई तरह से Collab करते हैं जिसमें टीम आपको एक पिक्चर ( Photo ) देगी बाकी की line