कितनों के लिखू नाम इस कहानी मे मेरी धडकन जेसा हे किरदार दिवानोंमे आंसुओं के धडकने से आ जाता गुस्सा उनको बडे नायाब दोस्त मिले दुआंओंमे दर्द जो था वो छिन लिया हो तुमने अब गमो कि स्याही लिखी नही जाती किताबों में ए-जाने वाले वक्त तु ठेहरता क्यु नही हम कंकड तो दोस्त हे मोती किनारों मे #GOD_BLESS_YOU #युगेंद्र अशोक काकडे ©युगेंद्र अशोक काकडे #kohra #Friendship