" चलो कुछ बात कर ली जाये , वो नज़र है उसकी तलाश कर ली जाये , बस ख्याल महज़ ख्याल ही बन के ना रहे , दो-चार फासलों का कदम है , ये बेजारीया दुस्वारिया कब तक रखा जाये , आज किसी ना किसी बहाने कुछ बात की जाते. " --- रबिन्द्र राम " चलो कुछ बात कर ली जाये , वो नज़र है उसकी तलाश कर ली जाये , बस ख्याल महज़ ख्याल ही बन के ना रहे , दो-चार फासलों का कदम है , ये बेजारीया दुस्वारिया कब तक रखा जाये , आज किसी ना किसी बहाने कुछ बात की जाते. " --- रबिन्द्र राम