आओ आज फ़िर एक कसम खाते हैं, मिलकर चलो,प्रकृति को बचाते हैं । छाया,फ़ल,हवा,शुद्धि,जीवन का सार यही, कुछ ज़्यादा नहीं,बस एक पौधा लगाते हैं । शिवा अधूरा #पौधारोपण