जिस दिन शाम ढले तुम्हारी ज़िद की तो लौट आना ए हमसफ़र, जानें कबसे मेरी गुस्ताखियो को दिल से लगा के बैठे हो... ©Nikhil Kaushik जिस दिन शाम ढले तुम्हारी #ज़िद की तो लौट आना ए #हमसफ़र, जानें कबसे मेरी #गुस्ताखियो को #दिल से लगा के बैठे हो... #HindiWritings #hindiwriting #hindiwritings #Shayari #Shaam