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कभी कभी बस लिख लेती हू निरंतर भाग रहे मन के भावों

कभी कभी बस लिख लेती हू
निरंतर भाग रहे मन के भावों की शांति के लिए 
लिख लेती हू,
उदासी से भरे पलों को सहलाने के लिए 
लिख लेती हू,
अतीत के पन्नो पर से स्याही की कुछ बूंदे लेकर
मन को बहलाने के लिए लिख लेती हू,
कुछ बीते दिनों के खूबसूरत पलों को 
यादगार बनाने के लिए लिख लेती हू,
अब अपनी खुशी और गम बया तो नहीं कर पाती शब्दो में
पर जब मन भर जाता है अंतरद्वंध से
तो खुद से बतियाने के लिए लिख लेती हू ।

©seema patidar #BookLife
कभी कभी बस लिख लेती हू
निरंतर भाग रहे मन के भावों की शांति के लिए 
लिख लेती हू,
उदासी से भरे पलों को सहलाने के लिए 
लिख लेती हू,
अतीत के पन्नो पर से स्याही की कुछ बूंदे लेकर
मन को बहलाने के लिए लिख लेती हू,
कुछ बीते दिनों के खूबसूरत पलों को 
यादगार बनाने के लिए लिख लेती हू,
अब अपनी खुशी और गम बया तो नहीं कर पाती शब्दो में
पर जब मन भर जाता है अंतरद्वंध से
तो खुद से बतियाने के लिए लिख लेती हू ।

©seema patidar #BookLife