ना जात ना पात से ना धर्म ना इतिहास से हैं खतरे में मुल्क राजनीति के ह्रास से। ना सोच ना विचार से ना प्रकृति के प्रहार से है खतरे में मुल्क झूठे कलमकार से। ना रोक ना टोक से ना बंदूक की नोक से है खतरे में मुल्क काल्पनिक इंद्रलोक से। है खतरे मे मुल्क #arzkiyahain #inkforchange