रानी लक्ष्मी सा रणकौशल , सीता सा क्षमादान है। विलयम की ऊंचाई और कल्पना सा बलिदान है। द्रौपदी का साहस है, सिंधु कर्माकर सा सम्मान है। ममता की मूरत है और अहिल्या सी पाषाण है। इसको तुम अबला न समझो सृष्टि का श्रृंगार है | श्रेष्ठ सुंगंध और सुंदरता से शोभित ये पुष्पों में पारिजात है। बहोत हो गया ये गूंगापन निर्मम इस दुनिया को अंजाम बताने आया हूँ, रणचंडी अब जाग उठो.... मैं तुम्हे जगाने आया हूँ।। शर्मसार क्यों होती है इन् हवस के अनुयायियों से। इज़्ज़त क्यों खोती है यूँ मामा, पडोसी और भाइयों से। ये हैवानों की रोप हैं न सींच इन्हें यूँ अच्छईयों से। कब तक डरेगी यूँ और कांपेगी परछाईयों से। थाम ले कृपाणों को यही यलगार मचाने आया हूँ.... रणचंडी अब जाग उठो.... मैं तुम्हे जगाने आया हूँ।। कान फट गये चीख़ों से और धरती डोल गयी इन् हत्यारों से। फिर झुकी है गर्दन ये... और लहू बहा इन् अपरिपक्व दरारों से। अब शोले बरसेंगे अम्बर से और जलेगी धरती अंगारों से । जो चीखें तूने थामी थी ...तो गर्जन होगा चट्टानों से। जलजला यूँ कहर सा उठेगा और खाक हो जाओगे तूफानों से । जाग उठेगी काली फिर और मर्दन होगा नैनो की तलवारों से। और इस दफा विनाश शम्भू भी न रोक पायेगा... जो होगा अंजाम धरा का वही दिखाने आया हूँ, रणचंडी अब जाग उठो.... मैं तुम्हे जगाने आया हूँ।। _ek_khayaal_ ( दुर्गेश ) #girls#woman#empowerment#naari#sammman#stand_for_us #dieing_humanism #dard#dar#khauf #nojotohindi #nojoto #jaago Nojoto News 😊