जुनून-ए-मोहब्बत में, बेज़ार बैठे हैं, नए आशिक़ फिर भी, तैयार बैठे हैं। उलझन, परेशानी, और क्या-क्या मुर्शद, फ़क़त इश्क़ में, सब कुछ हार बैठे हैं।। मुकर्रर इश्क़ में...🍁🌃