है तबरेज में, जीने का शौक, तुझको हमने, अंधेरे को, हंस कर चिढ़ाया कुछ खून बह रहा है, अब भी नसों से कांटों से भी, कुछ यूं, रिश्ता निभाया #तबरेज #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #yqquotes #hindishayari #hindiquotes