बे-ख़ौफ़ इश्क़ ************ मेरे दिल की किताब पढ़कर तो देख श्याम मेरे दिल की बात समझ कर तो देख श्याम, मेरे बे-ख़ौफ़ इश्क़ की ख़बर लेकर तो देख श्याम छुपाकर न रखा तुझसे मैंने ग़म दिल में कोई श्याम, ज़मानें ने ठोकर-ए-रूसवाई से रूबरू कराया श्याम चौखट पर तेरी मुझे पनाह की सौगात मिली श्याम, मुकद्दर के खोटे हैं समझ लेना ज़िन्दगी को तुम श्याम क़श्ती-ए-ज़िन्दगी की गोते खाती समंदर-ए-सैलाब श्याम भरोसा है मुझको तेरी इनायत-ए-करम पर इतना श्याम यकीनन ग़म मेरे सारे मुकम्मल हो ख़ुशियों भरे श्याम, जय श्री श्याम 🙏 पहली रचना विशेष प्रतियोगिता कोरा काग़ज़ विद्या-ग़ज़ल शीर्षक- बे-ख़ौफ़ इश्क़ #collabwithकोराकाग़ज़ #KKPC28 #विशेषप्रतियोगिता #KKप्रीमियम #कोराकाग़ज़