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White #इंसान_का_इंसान_से, #इ

White #इंसान_का_इंसान_से, 
                     #इंसानियत_का_नाता_है।

इंसान का इंसान से, इंसानियत का नाता है।
धर्म जाति कुछ नहीं, जो भेद भाव लाता है।

कर्म को है मान देना, इंसान को सम्मान देना।
जीवन का ज्ञान देना, दुखिया का ध्यान देना।

हर कदम पर चलन, इंसानियत सिखाता है।
इंसान का इंसान से, इंसानियत का नाता है।

सत्यता के भाव रख, मन पवित्र पावन परख।
ध्यान होवे सच निरख, वासना कपटी न रख।

चोट देना न किसी को,जो गूढ़ ज्ञान भाता है।
इंसान का इंसान  से, इंसानियत का नाता है।

स्वांस सार जीव जग,चल रहा जीवन सजग।
यादगार बस नेक मग, जिंदगी  बहुगुणी नग।

खास जीवन  लक्ष्य,बस जिंदगी सजाया है।
इंसान का इंसान से, इंसानियत का नाता है।

स्वरचित रचना।
मदन गोपाल शाक्य "प्रकाश"!
फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश।

©Madan gopal 
  #इंशान ।