White ज़िन्दगी से मोहब्बत है तो पता करो बगावत किससे है जब चाहते है सब कुछ मोहब्बत से गुजरे तो अदावत किससे है माना के बागी है हर कोई अपनी नापसंद से तो पूछो फिर पसंदगी की बात किससे है सब कुछ तय करे नसीब तुम्हारा ग़र तो ये बताओ जंग किससे है और कुछ नही बचा अब तुम्हारे हाथ में लूटे ज़रूर मग़र ये बताओ गीला किससे है सब कुछ हो नही सकता तुम्हारे हाथ में दुआ मे उठे ज़रूर हाथ मगर "रब"सिर्फ किसका है कौन नही जानता क्या होगा अगला पल मग़र ज़िंदगी जीने का उम्र भर ज़ी सबका है मै कहता हुं रुको,सोचो, आगे बढ़ो और यही ज़िन्दगी का हिस्सा है - अली राशिद हसरत ©Ali Rashid Hasrat #Zindigi