मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं, शीशे से कब तक तोड़ोगे; मिटने वाला मैं नाम नही, तुम मुझको कब तक रोकोगे।। Aap sabhi gram vasiyo ko Dipawali parv ki hardik shubhkamnaye