चाहत थी हमको तुमसे बेशुमार मेरे यार, जरा सी बात पर क्यों कर ली यूं तकरार। चाहत में वफा के बदले तूने बेवफाई दे दी, हमारी सरेआम जमाने भर में रुसवाई की। तोड़ दिया मेरा नाजुक सा प्यार भरा दिल, दिल के टुकड़े हज़ार करके तूने तनहाई दी। सावन की बरसात भी अब हमको जलाती है, कैसे कहें तुमसे कि तुम्हारी याद तड़पाती है। "एक सोच"का दिल धड़कता बस तुम्हारे लिए, तुम्हारी बेरुखी हमको हर मोड़ पर सताती है। #collabzone #yqcollabzone #czरस #czकरुण_रस